मनरेगा के तहत कुआं निर्माण में हुआ घोटाला

जिस कुंआ को इंजीनियरों ने फेल बताया, उसी कुंआ में सामग्री मद से कर दिया गया 87 हजार 630 रुपए पेमेंट

जलडेगा:लोगों को गांव में ही रोजगार मुहैया कराने लिए सरकार ने कई योजनाएं चला रखी हैं। मनरेगा इन्हीं में से एक है, लेकिन इसमें भी भ्रष्टाचार हावी है। धरातल पर काम नजर आये या नहीं, पैसे की निकासी पहले कर ली जा रही है। ताजा मामला जलडेगा प्रखंड के जलडेगा पंचायत अंतर्गत सावनाजारा गांव के लाभुक बुधनाथ लोहरा का है। मनरेगा के तहत इनके यहां सिंचाई कूप का निर्माण होना था, जिसका योजना संख्या 284/20-21 और वर्क कोड IF/7080901973690 है। जमीन के अंदर पत्थर निकलते के कारण कूप निर्माण तो पूर्ण नहीं हो सका लेकिन सप्लायर को सामग्री मद से कूप निर्माण के लिए 87630 रूपया का भुगतान कर दिया गया। मामले पर संबंधित जेई से बात करने पर बताया कि उन्होंने स्वयं पंचायत सचिव, और एई के साथ कार्यस्थल पर जाकर योजना को बंद कराने को कहा है।

इसके बाद भी सामग्री मद से भुगतान होना जांच का विषय है।कार्यस्थल में ना तो ईंट है, ना बालू और न ही सीमेंट फिर भी मनरेगा के जिम्मेदार कर्मियों ने अपनी दया दृष्टि दिखाकर इन सभी सामग्रियों का भुगतान कर दिया। जबकि ये सामग्री का कहीं भी उपयोग नहीं हुआ है।राष्ट्रीय नवीन मेल में मामला आते ही अधिकारी हरकत में आ गए, और सबसे पहले तो एक दूसरे पर दोषारोपण करने लगे बाद में बचाव के लिए रिकवरी की तैयारी में जुट गए।अब सवाल उठता है कि निर्माण कार्य फेल होने के बाद भी उस कुंआ को पत्थर से क्यूं पाटा गया? और जान बूझ कर मैटेरियल का पेमेंट किसने किया.?

Related posts

Leave a Comment